डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के दृष्टिहीन सहित सभी दिव़्यांग विद्यार्थी छात्रावास की बढ़ी हुई फीस जमा करने का बहिष्कार करेंगे। साथ ही उन्होंने छात्रावास में रहने की अधिकतम सीमा 8 वर्ष करने की मांग की है। दूसरी ओर बुधवार को भी दिव्यांग अस्थाई छात्रावास पाने के लिए भटकते रहे। उनकी सहायता करने वाला कोई नहीं है।
दृष्टिहीन दिव्यांग विद्यार्थियों का कहना है कि अधिकांश दिव्यांग ऐसे हैं, जो गरीब परिवार से आते हैं। यही वजह है कि सरकार दिव्यांगों की पढ़ाई के लिए छात्रावास, मेस और अन्य चीजों के लिए बजट विवि को आवंटित कर रही है, तो विश्वविद्यालय कैसे कोई फीस मरम्मत एवं उपयोगिता शुल्क के नाम पर ले सकता है। उनकाक कहना है कि छात्रावास मरम्मत के नाम पर क्या होता है।सबको पता है। छात्रावास में लिफ्ट केवल तीन माह चलती है। शौचालय से लेकर स्नानागार तक टूटे हुए हैं। दीवालों पर सीलन है। आखिर किस चीज की मरम्मत के लिए पैसे नहीं हैं। दृष्टिहीन दिव्यांगों ने कहा कि वह बढ़ी फीस जमा नहीं करेंगे। उसका बहिष्कार करेंगे। विवि में चल रही लूट के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए 31 जुलाई से लेकर एक अगस्त तक बैठक आयोजित की गई है।
भटकते रहे दिव्यांग
बुधवार को भी दूर-दराज से आए दिव्यांग विद्यार्थी छात्रावास में अस्थाई आवंटन के लिए भटकते रहे, लेकिन कहीं से उन्हें राहत नहीं मिली। उनका कहना था कि कमरा नम्बर 108 में ऑन लाइन आवेदन नहीं हो पा रहा है। एक तो साफ्टवेयर नहीं चलता है,तो दूसरी कहा जाता है कि उनका डाटा नहीं है।
Source: https://www.livehindustan.com/uttar-pradesh/lucknow/story-visually-impaired-students-will-be-forced-to-deposit-increased-fees-2649559.html
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